दो जून की रोटी

💐दो जून की रोटी💐

मजदूर करता है श्रम
व्यापारी करता परिश्रम
कर्मचारी खपाता दिनरात
बड़ी मुश्किल से मिलती है
दो जून की रोटी 
भूख सबसे बड़ी
समस्या है ।।
इंसान नें जब
जुटाया खाद्य सुरक्षा
हुआ निश्चिंत रोटी से
भूख नहीं रही समस्या
पायी विजय भूख पर
तब विकसी ललित कलायें
बनाये उसने भित्तिचित्र
उठा शिकार से ऊपर
किया पशुपालन
इकट्ठा किये दूध
और शहद
तब बना
आदिम से मानव 
भूख अब भी भूख है
बलवती होती है
गरीब पर
भूख की कीमत
भूखा ही जानता है
आदमी और जानवर में
फर्क है इतना
जानवर भूख के बशीभूत
इंसान भूख से ऊपर

©®अनुरोध श्रीवास्तव

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2 Comments

Apeksha Mittal

02-Jun-2021 11:46 AM

बहुत अच्छा लिखा आपने

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धन्यावाद आपका

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